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INTERACTIVE SESSION ON LITERACY DAY

Lucknow Public College of Professional Studies (LPCPS) organized an interactive session on Literacy Day as part of its ongoing awareness drive. The session aimed to highlight the importance of literacy and promote educational opportunities for all. The session began with a brief introduction by the faculty coordinator of the extension activity committee. They emphasized the significance of literacy in empowering individuals, fostering social and economic development, and building inclusive societies. The main speaker for the session was Dr. Hari Mohan Saxena who delivered a thought-provoking speech on the transformative power of education and the challenges faced by those who lack access to literacy. The speaker shared inspiring stories of individuals who overcame illiteracy and achieved remarkable success. The session also included engaging activities and workshops designed to promote literacy skills among the participants. These activities included storytelling, reading aloud, and writing exercises. The goal was to create a fun and interactive learning environment that encouraged participants to embrace the joy of reading and writing.

लखनऊ पब्लिक कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (एलपीसीपीएस) ने अपने चल रहे जागरूकता अभियान के तहत साक्षरता दिवस पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। सत्र का उद्देश्य साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना और सभी के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा देना था। सत्र की शुरुआत विस्तार गतिविधि समिति के संकाय समन्वयक द्वारा एक संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। उन्होंने व्यक्तियों को सशक्त बनाने, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और समावेशी समाज के निर्माण में साक्षरता के महत्व पर जोर दिया। सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. हरि मोहन सक्सेना थे जिन्होंने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और साक्षरता तक पहुंच की कमी वाले लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों पर एक विचारोत्तेजक भाषण दिया। वक्ता ने उन व्यक्तियों की प्रेरक कहानियाँ साझा कीं जिन्होंने निरक्षरता पर काबू पाया और उल्लेखनीय सफलता हासिल की। सत्र में प्रतिभागियों के बीच साक्षरता कौशल को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई आकर्षक गतिविधियाँ और कार्यशालाएँ भी शामिल थीं। इन गतिविधियों में कहानी सुनाना, ज़ोर से पढ़ना और लेखन अभ्यास शामिल थे। लक्ष्य एक मज़ेदार और इंटरैक्टिव शिक्षण वातावरण बनाना था जो प्रतिभागियों को पढ़ने और लिखने का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करे।